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अनावश्यकता का सिद्धांत क्या है?

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अनावश्यकता का सिद्धांत क्या है?
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वीडियो: अनावश्यकता का सिद्धांत क्या है?

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Anonim

मेहता के अनुसार अभाव की स्थिति एक है जिसमें दर्द नहीं होता और फलस्वरूप सुख मिलने की कोई संभावना नहीं होती। इस तरह की मनःस्थिति में जो अनुभव होता है, वह खुशी से सर्वोत्तम रूप से नामित होता है, जैसा कि मेहता ने कहा था।

अनिच्छा की स्थिति की अवधारणा किसने दी?

मेहता ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में व्याख्याता के रूप में अपना करियर शुरू किया। बाद में वे इलाहाबाद विश्वविद्यालय में वाणिज्य विभाग के डीन बने। वह गांधीवादी दर्शन से प्रेरित थे और उन्होंने अभाव के सिद्धांत को प्रतिपादित किया। हालाँकि वे धर्म से पारसी थे, लेकिन भगवद् गीता में उनकी बहुत आस्था थी।

अर्थहीनता को अर्थशास्त्र की परिभाषा किसने दी है?

मेहता ने अर्थशास्त्र को परिभाषित किया है, "एक विज्ञान के रूप में जो मानव व्यवहार को अभाव के अंत के साधन के रूप में अध्ययन करता है"। मानव व्यवहार अर्थशास्त्र के विज्ञान का विषय है।

एडम स्मिथ अर्थशास्त्र को कैसे परिभाषित करते हैं?

एडम स्मिथ की अर्थशास्त्र की परिभाषा

स्मिथ ने अर्थशास्त्र को " राष्ट्रों की संपत्ति की प्रकृति और कारणों की जांच" के रूप में परिभाषित किया।

अर्थशास्त्र की आधुनिक परिभाषा क्या है?

अर्थशास्त्र एक विभाग है जो माल और सेवाओं के निर्माण, आवंटन और उपयोग में शामिल है। अर्थशास्त्र को आम तौर पर मैक्रोइकॉनॉमिक्स में विभाजित किया जा सकता है, जो कुल आर्थिक विकास और सूक्ष्मअर्थशास्त्र पर केंद्रित है, जो व्यक्तिगत उपभोक्ताओं और फर्मों पर निर्भर करता है।

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