वैदिक ज्योतिष के अनुसार सर्वोत्तम मुहूर्त/उचित समय में उपयुक्त रत्न धारण करना चाहिए। रत्न धारण करने में यह महत्वपूर्ण कदमों में से एक है। जिस ग्रह का रत्न आप धारण करने जा रहे हैं वह अपने ही दिन और आशाजनक समय पर होना चाहिए।
रत्न किसे नहीं पहनना चाहिए?
रत्न एक साथ पहनने से बचने के लिए
राहु और केतु दो ग्रह हैं, जिनके तत्वों को आपस में जोड़ा नहीं जा सकता है। इसलिए, दो ग्रहों राहु और केतु को प्रतिध्वनित करने वाले हेसोनाइट और बिल्ली की आंख को एक साथ नहीं पहना जा सकता है।
क्या रत्न धारण करना बुरा है?
ज्वेलरी स्टोन के रूप में पहनने के लिए अधिकांश रत्न पूरी तरह से सुरक्षित हैं। (बेशक, कुछ दूसरों की तुलना में अधिक टिकाऊ होते हैं)। हालांकि, कुछ रत्न - बहुत कम, जैसे कि रीयलगर और एकानाइट - में भारी धातु और/या रेडियोधर्मी तत्व हो सकते हैं जो पहने जाने पर नुकसान पहुंचा सकते हैं।
रत्न कब धारण करना चाहिए?
इसे शनिवार को गंगा-जल या कच्चे गाय-दूध से पत्थर को शुद्ध करने के बाद पहना जाना चाहिए। आपको पत्थर को शुद्ध करने के लिए गंगा-जल या कच्चे गाय-दूध में तीन बार डुबाना होगा। रत्न सबसे सरल उपाय है जिसे हम अपने जीवन में शामिल कर सकते हैं। रत्न धारण करना कोई जटिल प्रक्रिया नहीं है।
क्या रत्न समाप्त हो जाते हैं?
रत्नों की ऐसी कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती है लेकिन हां उनमें असर होता है जो समय के साथ खराब हो सकता है। साथ ही, रत्नों को काम करने या ज्योतिषीय लाभ दिखाने में कितना समय लगता है, यह गुणवत्ता, शुद्धता, उत्पत्ति और नुस्खे पर निर्भर करेगा, हालांकि अलग-अलग राय हो सकती है।