जीवन के कई क्षेत्रों में टेस्सेलेशन पाए जा सकते हैं कला, वास्तुकला, शौक और कई अन्य क्षेत्रों में हमारे रोजमर्रा के परिवेश में पाए जाने वाले टेस्सेलेशन के उदाहरण हैं। विशिष्ट उदाहरणों में प्राच्य कालीन, रजाई, ओरिगेमी, इस्लामी वास्तुकला, और एम. सी. एस्चर के हैं।
सबसे पहले टेस्सेलेशन कहाँ पाए गए थे?
टेसेलेशन सबसे पहले सुमेरियन सभ्यता में लगभग 4000 ईसा पूर्व में पाए गए थे, जहां लोगों ने मंदिरों और घरों की दीवारों को बनाने और सजाने के लिए कठोर मिट्टी से बने टेसेलेशन डिजाइन का इस्तेमाल किया था।
क्या प्रकृति में टेस्सेलेशन होते हैं?
टेस्सेलेशन प्रकृति में पाए जाने वाले पैटर्न का एक वर्ग बनाते हैं। एक छत्ते में हेक्सागोनल कोशिकाओं की सरणियाँ या हीरे के आकार के तराजू जो सांप की त्वचा को पैटर्न देते हैं, टेसलेशन पैटर्न के प्राकृतिक उदाहरण हैं।
कौन सी संस्कृतियां टेस्सेलेशन का उपयोग करती हैं?
टेसेलेशन का एक संक्षिप्त इतिहास
वहां से, कई सभ्यताओं की कला में टेस्सेलेशन ने अपना स्थान पाया, मिस्र, फारसी, रोमन और यूनानियों से लेकर बीजान्टिन, अरब, द जापानी, चीनी और मूर।
असल जीवन में टेस्सेलेशन के कुछ उदाहरण क्या हैं?
रोजमर्रा की जिंदगी में कई तरह के टेस्सेलेशन मौजूद होते हैं। उदाहरण प्रकृति से लेकर हैं, जैसे शहद की कंघी, मानव निर्मित वस्तुएं, जैसे वास्तुकला और रजाई। यह आश्चर्यजनक है कि कई इमारतें जिनका हम दैनिक आधार पर उपयोग करते हैं, उनके ईंट के काम और टाइलिंग में इस तरह के जटिल टेस्सेलेशन प्रदर्शित कर सकते हैं।