अष्टम भाव का स्वामी सबसे नकारात्मक अर्थों में “भाग्य का हाथ” का प्रतिनिधित्व करता है। आम तौर पर ज्योतिषियों के अनुसार, दो हानिकारक कारकों का संयोजन - आठवां घर और सबसे हानिकारक ग्रह राहु सबसे खराब प्रभाव पैदा करना चाहिए, लेकिन यह हर समय सच नहीं होता है।
अष्टम भाव का स्वामी कौन सा ग्रह है?
शनि-शनि भी अपनी दो राशियों से अष्टम भाव का स्वामी हो सकता है। किसी भी राशि (मकर/कुंभ) में आठवें भाव का स्वामी, आठवें भाव में शनि (क्रमशः मिथुन/कर्क लग्न के लिए) निश्चित रूप से किसी ऐसे व्यक्ति को इंगित करता है जिसकी आयु बहुत लंबी है।
आठवें घर पर कौन शासन करता है?
आठवें घर पर वृश्चिक और ग्रह प्लूटो (ज्योतिष में, प्लूटो अभी भी एक ग्रह है) का शासन है। आठवां घर एक रहस्यमय क्षेत्र है जो जन्म, मृत्यु, लिंग, परिवर्तन, रहस्य, विलय ऊर्जा और गहरे स्तर पर बंधन को नियंत्रित करता है।
अष्टम भाव क्या दर्शाता है?
आठवें भाव को वैदिक ज्योतिष में आयु भाव कहा गया है। यह वृश्चिक चिन्ह से संबंधित है, जिसमें रहस्य, स्वामित्व, जुनून और महत्वाकांक्षा जैसी विशेषताएं हैं। साथ ही मंगल अष्टम भाव का प्राकृतिक कारक है। यह बृहस्पति और सूर्य ग्रहों के लिए सबसे अच्छा घर है और चंद्रमा, मंगल और बुध के लिए एक कमजोर घर है।
मजबूत आठवां घर क्या है?
यदि अष्टम भाव अच्छी तरह से स्थित हो और लाभकारी रूप से स्थित हो और मजबूत हो तो यह आमतौर पर स्वस्थ मन, शरीर और आत्मा को इंगित करता है और व्यक्ति जीवन में आने वाली चुनौतियों को आसानी से दूर कर सकता है, और संबंधित दीर्घायु के लिए।