चूंकि परिसंघ के लेखों ने एक केंद्र सरकार बनाई जिसमें केवल एक विधायी शाखा थी, यह "शक्तियों के पृथक्करण" के सिद्धांत को प्रतिबिंबित नहीं करता है। … यह एक ऐसी सरकार बनाती है जो अपने कानूनों को बना सकती है, लागू कर सकती है और उनकी समीक्षा कर सकती है।
शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत पर आधारित परिसंघ के लेख क्या हैं?
क्या परिसंघ के लेख शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत पर आधारित थे? नहीं, क्योंकि इसने अलग न्यायिक शाखा नहीं बनाई। … प्रत्यायोजित शक्तियाँ वे हैं जो राष्ट्रीय सरकार के लिए अनन्य हैं, जैसे पैसे छापना।
संविधान ने शक्तियों के पृथक्करण के साथ परिसंघ के लेखों की समस्याओं को कैसे ठीक किया?
संविधान ने परिसंघ के लेखों की कमजोरियों को कैसे ठीक किया? संविधान ने कमजोरियों को ठीक किया केंद्र सरकार को कुछ शक्तियां/अधिकार देकर कांग्रेस को अब कर लगाने का अधिकार है। कांग्रेस के पास राज्यों और अन्य देशों के बीच व्यापार को विनियमित करने की क्षमता है।
संविधान शक्तियों के पृथक्करण का बेहतर प्रतिबिंब क्यों है?
संविधान परिसंघ के अनुच्छेदों की तुलना में शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत का बेहतर प्रतिबिंब था। … संविधान के भीतर, सरकार की प्रत्येक शाखा की सटीक सीमाएं और स्वतंत्रताएं पहले तीन लेखों में सूचीबद्ध थीं, जिससे शक्तियों का पृथक्करण बहुत स्पष्ट और वास्तविक था।
कन्फेडरेशन के लेखों ने सबसे अधिक सरकारी शक्ति को कहाँ रखा?
अनुच्छेदों ने सबसे अधिक शक्ति राज्य सरकारों के हाथों में दी। अनुच्छेदों के तहत सरकार के पास एक कार्यकारी या न्यायिक शाखा का अभाव था। परिसंघ के लेखों के तहत केंद्र सरकार, राज्य सरकारों द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों से बनी है।