खिलाफत आंदोलन या खिलाफत आंदोलन, जिसे भारतीय मुस्लिम आंदोलन (1919–24) के रूप में भी जाना जाता है, एक अखिल इस्लामवादी राजनीतिक विरोध अभियान था, जिसे शौकत अली के नेतृत्व में ब्रिटिश भारत के मुसलमानों द्वारा शुरू किया गया था।, मौलाना मोहम्मद अली जौहर, हकीम अजमल खान, और अबुल कलाम आजाद तुर्क खलीफा को बहाल करने के लिए, …
खिलाफत आंदोलन की स्थापना क्यों की गई थी?
खिलाफत आंदोलन (1919-1924) प्रथम विश्व युद्ध के बाद के वर्षों में भारतीय मुसलमानों द्वारा भारतीय राष्ट्रवाद से संबद्ध एक आंदोलन था। इसका उद्देश्य ब्रिटिश सरकार पर अपने अधिकार को बनाए रखने के लिए दबाव बनाना था। युद्ध के अंत में तुर्क साम्राज्य के टूटने के बाद इस्लाम के खलीफा के रूप में तुर्क सुल्तान
खिलाफत आंदोलन का गठन कहाँ हुआ था?
खलीफा की अस्थायी शक्तियों की रक्षा के लिए, मार्च 1919 में बॉम्बे में खिलाफत समिति का गठन किया गया था।
खिलाफत आंदोलन भारत में क्यों शुरू हुआ?
- खिलाफत आंदोलन की स्थापना इस्लाम के खलीफा के रूप में तुर्क सुल्तान के अधिकार को बनाए रखने के लिए ब्रिटिश सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से की गई थी। … - भारत में मुसलमानों ने खिलाफत अभियान की शुरुआत ब्रिटिश सरकार को खिलाफत को खत्म न करने के लिए मनाने के लिए की थी।
खिलाफत समिति की स्थापना किसने और कब की?
खिलाफत समिति: 1919 की शुरुआत में, अली भाइयों, मौलाना अबुल कलाम आजाद, अजमल खान और हसरत मोहनी के नेतृत्व में अखिल भारतीय खिलाफत समिति का गठन किया गया था। तुर्की के प्रति अपना रवैया बदलने के लिए ब्रिटिश सरकार।