सैफुल मुलुक एक पहाड़ी झील है, जो काघन घाटी के उत्तरी छोर पर, सैफुल मुलुक राष्ट्रीय उद्यान में नारन शहर के पास स्थित है। समुद्र तल से 3, 224 मीटर की ऊँचाई पर, झील वृक्ष रेखा के ऊपर स्थित है, और पाकिस्तान की सबसे ऊँची झीलों में से एक है।
झील सैफ उल मलूक की कहानी क्या है?
सैफुल मुलुक झील का नाम एक महान राजकुमार के नाम पर रखा गया है। सूफी कवि मियां मुहम्मद बख्श द्वारा लिखित सैफ-उल-मुलुक नामक एक परी कथा, झील की बात करती है। यह मिस्र के राजकुमार सैफुल मलूक की कहानी कहता है जिसे झील पर राजकुमारी बद्री-उल-जमाला नाम की एक परी राजकुमारी से प्यार हो गया।
सैफ उल मलूक झील क्यों प्रसिद्ध है?
राजकुमार मिस्र का था जो इस बिंदु पर आया और पाया परी रानीकहानी के अनुसार उसे परी रानी से प्यार हो गया और उसने उस परी के लिए जाइंट से लड़ाई की जिसने उसे 10 साल तक अपने कब्जे में रखा। सैफ उल मलूक झील अपनी प्रसिद्ध प्रेम कहानी के लिए भी दुनिया भर में जानी जाती है।
सैफ उल मलूक को किसने लिखा?
'सैफ-उल-मलूक' (कभी-कभी 'प्यार की यात्रा' के रूप में जाना जाता है), सूफी संत मियां मुहम्मद बख्श द्वारा रचित एक विशाल पंजाबी महाकाव्य है।
अंसू झील कहाँ स्थित है?
ऐसा ही एक दिलचस्प मिथक है अंसू झील का। खैबर पख्तूनख्वा में कागन घाटी में स्थित यह झील समुद्र तल से 13,927 फीट की ऊंचाई पर है और इसे हिमालय की सबसे ऊंची झीलों में से एक माना जाता है।