सुलवसूत्र में वेदों के निर्माण का विस्तृत विवरण है और विभिन्न ज्यामितीय सिद्धांतों का प्रतिपादन है। इनकी रचना पहली सहस्राब्दी ईसा पूर्व में की गई थी, जो लगभग 800 ईसा पूर्व की सबसे प्राचीन बौधायन सुलवसूत्र थी।
गणित का प्राचीन भारतीय नाम क्या है?
सूत्र शैली। प्राचीन भारत में गणितीय गतिविधि पवित्र वेदों पर "पद्धतिगत प्रतिबिंब" के एक भाग के रूप में शुरू हुई, जिसने वेदांग नामक कार्यों का रूप लिया, या, "वेद की सहायक" (7 वीं -4 वीं शताब्दी ईसा पूर्व)।
वैदिक गणित का दूसरा नाम क्या है?
सूत्र को सामूहिक रूप से बाद में वैदिक गणित के रूप में नामित किया गया। ये सूत्र "गणित सूत्र" से प्राप्त हुए थे जिन्हें सुलभ सूत्र या गणित की सरल प्रणाली के रूप में भी जाना जाता है। इन सूत्रों की भाषा संस्कृत में थी जिसे एक आम आदमी के लिए समझना मुश्किल था।
वैदिक गणित के संस्थापक कौन हैं?
वैदिक गणित भारतीय भिक्षु भारती कृष्ण तीर्थ द्वारा लिखित एक पुस्तक है, और पहली बार 1965 में प्रकाशित हुई थी।
भारतीय गणित की शुरुआत किसने की?
ब्रह्मगुप्त ने शून्य से निपटने के लिए बुनियादी गणितीय नियम स्थापित किए: 1 + 0=1; 1 - 0=1; और 1 x 0=0 (वह सफलता जो स्पष्ट रूप से गैर-संवेदनात्मक ऑपरेशन 1 0 का अर्थ समझती है, वह भी एक भारतीय, 12वीं शताब्दी के गणितज्ञ भास्कर II) के लिए होगी।