“ जहाँ मन निर्भय हो और मस्तक ऊँचा हो, जहाँ ज्ञान मुक्त हो। जहां संकरी घरेलू दीवारों से दुनिया को टुकड़ों में नहीं तोड़ा गया है। जहाँ सत्य की गहराई से शब्द निकलते हैं, जहाँ अथक प्रयास अपनी भुजाओं को पूर्णता की ओर फैलाता है।
सिर को ऊंचा रखने का क्या मतलब है?
'सिर ऊंचा रखा है' का अर्थ है कि जिसके पास स्वाभिमान हो और किसी को अभिमान हो। कोई डरे नहीं। मन को आगे बढ़ाया जाता है।
जहां मन बिना भय के होता है और सिर ऊंचा होता है उत्तर?
(a) अभिव्यक्ति 'मन मुक्त है' और 'सिर ऊंचा है' का क्या अर्थ है? उत्तर कवि कहता है कि उसका कोई भी देशवासी हर समय अपने मन में भय के भाव में न रहे। इसके बजाय, उन्हें निडर होकर अपना सिर ऊपर रखना चाहिए और खुद पर भरोसा रखना चाहिए।
जहां मन भय के बिना है वह रवींद्रनाथ टैगोर की गीतांजलि की टीएच कविता है?
हालांकि टैगोर के 1901 के कविता संग्रह नायबेद्या (प्रसाद) में प्रकाशित होने पर मूल रूप से प्रार्थना शीर्षक से, 'व्हेयर द माइंड इज विदाउट फियर' को ' चित्तो जेठा भैयाशुन्यो' के रूप में शामिल किया गया था। उनकी बांग्ला कविताओं गीतांजलि (गीत प्रसाद) का चयन, जो 1910 में प्रकाशित हुआ था।
मन विदाउट फियर कहाँ से लिया गया है?
रवीन्द्रनाथ टैगोर की कविता 'व्हेयर द माइंड इज विदाउट फियर' कहाँ से ली गई है? कविता 'व्हेयर द माइंड इज विदाउट फियर' मूल रूप से बंगाली में संभवतः 1900 में "प्रार्थना"शीर्षक के तहत लिखी गई थी, जिसका अर्थ है प्रार्थना। यह 1901 में 'नैबेद्य' नामक खंड में दिखाई दिया।