सिख धर्म संस्कृत शब्द, या शिष्य से लिया गया है और यह शिक्षक और छात्र के बीच के संबंधों के बारे में है। सिख धर्म में गुरु की अवधारणा दो स्तंभों यानी मिरी-पीरी पर टिकी है। 'पिरी' का अर्थ है आध्यात्मिक अधिकार और 'मिरी' का अर्थ है लौकिक अधिकार।
शिष्य से कौन सा धर्म आता है?
धर्म सिख धर्म संस्कृत शब्द "शिष्य" से लिया गया है।
संस्कृत का क्या अर्थ है शिष्य?
व्युत्पत्ति। गुरु-शिष्य का अर्थ है " गुरु से शिष्य का उत्तराधिकार"। परम्परा (संस्कृत: पारंपरिक, परम्परा) का शाब्दिक अर्थ है एक निर्बाध पंक्ति या श्रृंखला, क्रम, उत्तराधिकार, निरंतरता, मध्यस्थता, परंपरा।
शिष्य और शिष्य का क्या अर्थ है?
भारतीय। हिंदू धर्म में: एक गुरु का शिष्य या अनुयायी। इसके अलावा विस्तारित उपयोग में: एक मास्टर से एक शिल्प सीखने वाला एक छात्र; एक छोटा व्यक्ति जो अधिक अनुभव या प्रभाव वाले किसी व्यक्ति द्वारा निर्देशित और समर्थित है।
गुरु शिष्य परम्परा की शुरुआत किसने की?
गुरु शिष्य परम्परा
त्रेता युग से, रामायण में गुरुकुल प्रणाली का उल्लेख है और भगवान राम के गुरु ऋषि विश्वामित्र।