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भारत में विधवा पुनर्विवाह अधिनियम कब पारित किया गया था?

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भारत में विधवा पुनर्विवाह अधिनियम कब पारित किया गया था?
भारत में विधवा पुनर्विवाह अधिनियम कब पारित किया गया था?

वीडियो: भारत में विधवा पुनर्विवाह अधिनियम कब पारित किया गया था?

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हिंदू विधवा पुनर्विवाह अधिनियम, 1856, भी अधिनियम 15, 1856, 26 जुलाई 1856 को अधिनियमित, पूर्वी भारत के तहत भारत के सभी न्यायालयों में हिंदू विधवाओं के पुनर्विवाह को वैध बनाता है। कंपनी नियम। यह लॉर्ड डलहौजी द्वारा तैयार किया गया था और 1857 के भारतीय विद्रोह से पहले लॉर्ड कैनिंग द्वारा पारित किया गया था।

पुनर्विवाह करने वाली पहली विधवा कौन थी?

फिर भी यह एक ऐसी इमारत है जो भारतीय समाज पर एक चिरस्थायी छाप छोड़ने वाली सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं में से एक थी। यह वह घर है जहां ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने पहली हिंदू विधवा से शादी की और समाज से गंभीर खतरे के खिलाफ हिंदू विधवा पुनर्विवाह की प्रवृत्ति शुरू की।

विधवा पुनर्विवाह अधिनियम कब पारित किया गया था?

अधिनियम 1856 में अधिनियमित किया गया था।

भारत में पहली विधवा पुनर्विवाह कब हुआ था?

ईश्वर चंद्र ने चुनौती ली और 7 दिसंबर 1856 को कोलकाता में पहली विधवा पुनर्विवाह अपने दम पर किया।

विधवा पुनर्विवाह की वकालत किसने की?

ईश्वर चंद्र विद्यासागर और केशब चंद्र सेन दो समाज सुधारक थे जिन्होंने विधवा पुनर्विवाह की वकालत की।

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