एक SPI 3-तार संचार योजना आधा-द्वैध डेटा लिंक है। मास्टर स्लेव सिलेक्ट (एसएस) वायर को नीचे खींचकर लेन-देन शुरू करता है। मास्टर द्वारा संचालित एक सीरियल क्लॉक (SCLK) लाइन, एक सिंक्रोनस क्लॉक स्रोत प्रदान करती है।
3-तार SPI कैसे काम करता है?
3-तार एसपीआई प्रोटोकॉल का सिद्धांत 4-तार प्रकार के समान है। पारंपरिक 4-वायर एसपीआई प्रोटोकॉल के साथ तुलना करें, डेटा सिग्नल पोर्ट-साझा में डिज़ाइन किया गया है। 3-तार मर्ज किए गए सीरियल डेटा इनपुट (एसडीआई) और सीरियल डेटा आउटपुट (एसडीओ) का एक पोर्ट में लाभ जो द्वि-दिशात्मक है
एसपीआई के तार कौन से हैं?
SPI में सिग्नलिंग चार तारों के एक सेट के माध्यम से होती है: सीरियल डेटा इन, सीरियल डेटा आउट, क्लॉक, और सीएस। घड़ी कौन चला रहा है, इसके आधार पर SPI डिवाइस मास्टर या स्लेव हो सकता है। SPI मानक बस में एक मास्टर और कई दासों के लिए अनुमति देता है।
SPI में कितने वायर का प्रयोग किया जाता है?
SPI एक तुल्यकालिक, पूर्ण द्वैध मास्टर-दास-आधारित इंटरफ़ेस है। मास्टर या स्लेव का डेटा बढ़ते या गिरते क्लॉक एज पर सिंक्रोनाइज़ होता है। मास्टर और दास दोनों एक ही समय में डेटा संचारित कर सकते हैं। SPI इंटरफ़ेस या तो 3-वायर या 4-वायर हो सकता है।
क्लासिक एसपीआई इंटरफेस के तार क्या हैं?
एक सामान्य SPI इंटरफ़ेस में चार सिग्नल होते हैं: घड़ी (SCLK), स्लेव सेलेक्ट (! SS या ! CS), मास्टर इनपुट/स्लेव आउटपुट (MISO), और मास्टर आउटपुट/स्लेव इनपुट (मोसी)। SPI में इनपुट और आउटपुट डेटा के लिए अलग-अलग पिन होते हैं, जो इसे पूर्ण-द्वैध बनाता है।