यह दुश्मनी अंततः कुरुक्षेत्र के युद्ध के मैदान में अर्जुन के हाथों, उनके छोटे सौतेले भाई, जो उनके भाईचारे के बंधन से अनजान थे, पर उनकी मृत्यु में परिणत होगी। अपने बालों को भड़काने वाले क्रोध के अलावा, दुर्वासा अपने असाधारण वरदानों के लिए भी जाने जाते हैं।
कृष्ण को दुर्वासा का श्राप क्या था?
क्रोध में दुर्वासा ऋषि ने भगवान कृष्ण और देवी रुक्मणी को दो श्राप दिए। पहला श्राप था कि भगवान और देवी रुक्मणी 12 वर्ष के होंगे और दूसरा श्राप था कि द्वारका की भूमि का जल खारा हो जाएगा।
दुर्वासा ने रुक्मिणी को क्यों श्राप दिया था?
कहानी इस प्रकार है - दुर्वासा के रथ को खींचते समय रुक्मिणी को इतनी प्यास लगी कि उन्होंने अपने अतिथि दुर्वासा को बिना पानी पिए ही पी ली। इससे वह नाराज हो गए और उन्होंने रुक्मिणी को अपने प्यारे पति से अलग होने का श्राप दे दिया।
अयान को क्या श्राप मिला?
ऋषि दुर्वासा कहते हैं कि उन्हें पता था कि राधा को कुछ नहीं होगा और वह अपने पत्नि धर्म का परीक्षण कर रहे थे। फिर वह कहता है कि उसने पापी अयान के कारण अपना ध्यान तोड़ दिया और अयान को श्राप दे दिया कि अगर वह राधा को धारण करने के बारे में सोचता है, तो वह जिंदा जल जाएगा।
भगवान शिव के क्रोध से किस ऋषि का जन्म हुआ?
जवाब है ' दूरवासा'। ब्रह्माण्ड पुराण के अनुसार दुर्वासा का जन्म भगवान शिव के क्रोध से हुआ था।