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बुलंद दरवाजा कब बनाया गया था?

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बुलंद दरवाजा कब बनाया गया था?
बुलंद दरवाजा कब बनाया गया था?

वीडियो: बुलंद दरवाजा कब बनाया गया था?

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वीडियो: बुलंद दरवाजा (विजय का द्वार) दुनिया का सबसे ऊंचा प्रवेश द्वार है जो एक महान मुगल वास्तुकला है। 2024, मई
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बुलंद दरवाजा, या "जीत का द्वार", 1575 A. D. में मुगल सम्राट अकबर द्वारा गुजरात पर अपनी जीत के उपलक्ष्य में बनाया गया था। यह फतेहपुर सीकरी में जामा मस्जिद का मुख्य प्रवेश द्वार है, जो आगरा, भारत से 43 किमी दूर है।

बुलंद दरवाजा कहाँ बनाया गया था?

जामी मस्जिद (महान मस्जिद) का बुलंद दरवाजा (विजय द्वार) फतेहपुर सीकरी, उत्तर प्रदेश, भारत। बुलंद दरवाजा ("उच्च द्वार"), अकबर महान के शासनकाल के दौरान, फतेहपुर सीकरी, उत्तर प्रदेश राज्य, भारत में बनाया गया था।

प्रसिद्ध बुलंद दरवाजा किसने बनवाया?

अकबर के बेटे सलीम का जन्म संत की भविष्यवाणी के तुरंत बाद हुआ था। इसने अकबर को इस गांव को धर्मस्थल में बदलने के लिए प्रेरित किया।परिणामस्वरूप, अकबर ने भव्य जामा मस्जिद के निर्माण का आदेश दिया। इसके दक्षिणी द्वार के रूप में, उन्होंने बुलंद दरवाजे का निर्माण किया और पूरी संरचना सूफी संत सलीम चिश्ती को समर्पित कर दी।

बुलंद दरवाजा किसने बनवाया और क्यों?

बुलंद दरवाजा, या "जीत का द्वार", 1575 ई. में मुगल सम्राट अकबर द्वारा गुजरात पर अपनी जीत के उपलक्ष्य में बनाया गया था। यह फतेहपुर सीकरी में जामा मस्जिद का मुख्य प्रवेश द्वार है, जो आगरा, भारत से 43 किमी दूर है।

किस मुगल बादशाह ने अपनी जीत के बाद बुलंद दरवाजा बनवाया था?

फतेहपुर सीकरी में बुलंद दरवाजा

बुलंद दरवाजा, जिसे 'गौरव का द्वार' भी कहा जाता है, 54 मीटर की ऊंचाई के साथ दुनिया के सबसे बड़े प्रवेश द्वारों में से एक है। यह 15 मंजिला भव्य प्रवेश द्वार महान मुगल सम्राट अकबर की सफलता की गाथा बताता है और गुजरात पर उनकी जीत का जश्न मनाने के लिए बनाया गया था।

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