प्राणायाम का लक्ष्य है आपके शरीर और दिमाग के बीच संबंध को मजबूत करना शोध के अनुसार, प्राणायाम विश्राम और दिमागीपन को बढ़ावा दे सकता है। यह फेफड़ों के कार्य, रक्तचाप और मस्तिष्क के कार्य सहित शारीरिक स्वास्थ्य के कई पहलुओं का समर्थन करने के लिए भी सिद्ध हुआ है।
यदि हम प्रतिदिन प्राणायाम करें तो क्या होगा?
प्राणायाम भी मानसिक स्वास्थ्य का निर्माण करता है जब एकाग्रता, स्मृति और तनाव कम करने की बात आती है हमारा दिमाग एक शक्तिशाली उपकरण है जो मार्गदर्शन कर सकता है कि हमारा पूरा दिन कैसा दिखेगा। प्राणायाम हमारी मानसिक नसों में शांति लाने में मदद करता है क्योंकि यह शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाता है।
क्या सांस लेने की क्रिया वैज्ञानिक रूप से सिद्ध है?
जस्ट ब्रीद: बॉडी में बिल्ट-इन स्ट्रेस रिलीवर है गहरी सांस लेना सिर्फ आराम नहीं है; यह हृदय, मस्तिष्क, पाचन , प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करने के लिए वैज्ञानिक रूप से सिद्ध हो चुका है।शोध से पता चला है कि रक्त के पीएच को बदलने, या रक्तचाप को बदलने से साँस लेने के व्यायाम का तत्काल प्रभाव हो सकता है।
दिन में कितनी बार प्राणायाम कर सकते हैं?
आपको यह करना चाहिए कम से कम 60 बार, पूरे दिन में विभाजित। यह तकनीक उपचार, चक्र संतुलन और सांस लेने या सांस की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए उत्कृष्ट है। यह भोजन के बाद भी किया जा सकता है।
प्राणायाम कब तक करना चाहिए?
सांस छोड़ते हुए आपको अपने मुंह की छत पर हवा महसूस करनी चाहिए। 20 बार तक दोहराएं। कब करें: इस सांस का अभ्यास दिन में किसी भी समय 10 मिनट तक किया जा सकता है। इसे आसन अभ्यास के साथ भी आजमाएं।