आलू वनस्पति प्रसार द्वारा उगाए जाते हैं; यानी छोटे कंद या कंद के टुकड़े लगाए जाते हैं। अपने रोपण स्टॉक को अधिकतम करने के लिए, किसान कंदों को कई टुकड़ों में काट सकते हैं। जब तक "आंख" मौजूद है, प्रत्येक टुकड़ा एक नए पौधे में विकसित हो सकता है।
आलू में वानस्पतिक प्रसार कैसे होता है?
यह भूमिगत रूप से बनता है और इसमें नोड्स और इंटर्नोड्स होते हैं जिनसेअप्सरागत शाखाएं निकलती हैं और यह स्टेम नोड्स पर कलियों की मदद से वानस्पतिक प्रसार दिखाती है। … पूर्ण उत्तर: वानस्पतिक प्रसार एक प्रकार का अलैंगिक प्रजनन है।
आलू का वानस्पतिक भाग कौन सा है?
आलू के कंद के वानस्पतिक भाग होते हैं कलियाँ या आँख ।मिट्टी में दबे होने पर इन कलियों से नए पौधे विकसित होते हैं। यह वानस्पतिक प्रवर्धन की एक विधि है जिसमें अनेक वानस्पतिक भागों से नए पौधे विकसित होते हैं।
क्या आलू अलैंगिक हैं?
आलू पौधों का एक उदाहरण है जो अलैंगिक प्रजनन के माध्यम से प्रजनन करता है। आम तौर पर पौधों को दो माता-पिता की आवश्यकता होती है। अलैंगिक प्रजनन के साथ, केवल एक मूल पौधा होता है।
आलू किस प्रकार का अलैंगिक प्रजनन है?
आलू को वनस्पति प्रजनन (नवोदित के समान) के माध्यम से अलैंगिक रूप से पुनरुत्पादित किया जा सकता है।